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एक रोज़ जो तुम बिन मैंने बिताया ,
क्या है तेरी इम्पोर्टेंस ये तब समझ मैं पाया ;
तुझ बिन सब कुछ अधूरी सी होती है ,
हर सुबह तेरी आवाज़ अलार्म से भी जरुरी है ;
बिन तेरे मेरा ब्रेक फ़ास्ट नहीं होता ,
हो जाती है बॉडी स्लो कोई काम फ़ास्ट नहीं होता ;
बैग पर्स और मोबाइल तो तू ही याद दिलाती है ,
जब नहीं होता पॉकेट में हेंकी तो तेरी बड़ी याद आती है ;
जब भी दी से आर्गुमेंट हो या हो किसी से हो फाइट ,
हु केयर अबाउट ईट मां यू आर ऑलवेज माय साइड ;
मेरी लिमिटेड पॉकेट मनी का तुम ही तो बस एक सहारा हो,
इज़्ज़त की डूबती टाइटैनिक को प्रोवाइड करती किनारा हो ;
मां तुम हो मेरी विकी, गूगल, और जीमेल ,
विद यू ये घर है हेवन विद आउट यू ईट्स लाइक हेल ;
तुम जो थी फार मुझसे ज़िंदगी हो गई थी बेकार ,
आई रिक्वेस्ट यू मां दोबारा न करना मुझपे ये अत्याचार ;
डेडिकेटेड तो माय लवली माँ…….. आई लव यू माँ ….:)
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